पानी की बचत कैसे करें – 10 आसान तरीके – कविता – Save Water In Hindi – जब किसी एक व्यक्ति की जरूरत के बारे में सोचा गया, तो पता चला कि किसी भी एक इंसान को जीवित रहने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरत पड़ती है, क्योंकि जब रोटी, कपड़ा और मकान के बारे में सोचा गया तो किसी ने भी नहीं सोचा था, कि कोई इंसान पानी के लिए भी तरस सकता है। लेकिन आज हमारी सबसे बड़ी जरूरत पानी है क्योंकि अगर पानी नहीं है तो जीवन नहीं है, और अगर जीवन ही नहीं है तो रोटी, कपड़ा और मकान का इंसान क्या करेगा।
लेकिन आज मनुष्य को पानी की इतनी कमी क्यों होने लगी क्योंकि आज हमारी पृथ्वी का तीन चौथाई हिस्सा तो पानी से भरा है, जी हां दोस्तों हमारी पृथ्वी का 75% हिस्सा पानी है लेकिन यह पानी खारा है, समुद्री पानी है, इस पानी को हम पी नहीं सकते और रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल भी नहीं कर सकते, जिस पानी को हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल कर सकते हैं वह पानी पृथ्वी पर सिर्फ 3% ही मौजूद है, और उस साफ पानी का 68% ग्लेशियर के रूप में पाया जाता है जबकि 30% पानी ग्राउंड वाटर के रूप में मौजूद है और बाकी का 0.3% नदियां, झील और तालाबों के सरफेस पाया जाता है।
मतलब आप यह समझिए कि पृथ्वी पर साफ वाटर 99% तो हमारे इस्तेमाल के लिए है ही नहीं, और जो बाकी का 1% पानी है उससे हम इंसान गुजारा कर रहे हैं।
पानी की किल्लत हमें यह अचानक नहीं हुई यह हमारी करतूत का नतीजा है जो आज हमें पानी की किल्लत महसूस हो रही है हमने जंगल काट दिए, हमने तालाब पाट दिए, हैंडपंप की जगह अपने घरों में मोटर लगवा ली, और जरूरत से ज्यादा पानी पृथ्वी की कोक से निकालने लगे, मानो जैसे हम कोशिश कर रहे हो कि सोने के अंडे देने वाली मुर्गी का पेट फाड़ का सारे अंडे एक साथ ही निकाल ले,
हमने आज अरबों मीटर फैली हुई जमीन पर सड़क बना दी जिससे पृथ्वी पानी पी भी ना सके, मतलब एक तरफ तो हम भारत मां को पानी पीने भी नहीं दे रहे और दूसरी तरफ जो पानी उसने पिया है उस पानी को उसके गर्व से निकाल भी रहे हैं और खुद को सबसे बुद्धिमान समझने वाले हम मनुष्य भी पानी के लिए तड़प रहे हैं।
एक अनुमान के मुताबिक 2025 तक पूरी दुनिया एक घूंट पानी की किल्लत का सामना करेगी, मतलब अगले 10 साल के अंदर ही पानी को लेकर पूरी दुनिया में हाहाकार मच जाएगा, और 2070 तक बहुत सारी नदियां सूख जाएंगी या सूखने की कगार पर आ जाएंगे। 100 बात की एक बात “जल ही जीवन है जल है तो कल है” इस को महज एक स्लोगन मत मानिए बल्कि लगन के साथ आज से ही पानी बचाने के लिए जुट जाइए। और आज के इस आर्टिकल में हम आपको पानी बचाने के कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिनको करके आप पानी को काफी हद तक बचा सकते हैं।
पानी बचाने के तरीके – Save Water In Hindi.

- घर में बर्तन धोते वक्त, दाढ़ी बनाते वक्त, दांत मांगते वक्त पानी की टंकी को तभी खोलें जब आपको पानी की सचमुच आवश्यकता हो।
- अपनी गाड़ी या बाइक धोते वक्त पाइप की बजाए बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें, जिससे पानी की ज्यादा बचत हो और पानी व्यर्थ ना हो।
- नहाते वक्त सावर की बजाय बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें जिससे ज्यादा से ज्यादा पानी की बचत हो और पानी व्यर्थ ना हो।
- वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े थोड़े कपड़े धोने की बजाय कपड़े इकट्ठे होने पर ही धोए।
- ज्यादा भाव वाले फ्लैश टैंक को कम भाव वाले फ्लैश टैंक से बदल दे, संभव हो तो दो बटन वाले फ्लैश के टैंक को खरीदें, क्योंकि यह पेशाब के बाद काम और सोच के बाद ज्यादा पानी का अभाव देता है।
- जहां कहीं भी नल या पाइप लीक करें उसको तुरंत ठीक कराएं क्योंकि ऐसा करने से पानी व्यर्थ नहीं होगा।
- बर्तन धोते वक्त नल को खुले रहने की वजह अगर बाल्टी का प्रयोग किया जाए तो इससे भी पानी को बचाया जा सकता है।
- जब आप की पानी की टंकी भर जाए तो कुछ ही सेकंड में सैकड़ों लीटर पानी व्यर्थ हो जाता है इसलिए सिर्फ ₹300 में मिलने वाला वॉटर अलार्म अपने वॉटर टैंक में जरूर लगवाएं।
- सार्वजनिक स्थान जैसे पार्क, हॉस्पिटल, गली, मोहल्ला, सड़क जहां कहीं भी नल और पाइप खराब हो या पाइप से पानी लीक हो रहा हो, तो तुरंत ही संबंधित व्यक्ति के पीछे पड़ जाएं और उस पाइप या नल को ठीक कराने के लिए जोर दें।
- बाग बगीचे एवं घर के आसपास पौधों में पानी पाइप से देने की बजाए वॉटर कैन द्वारा पानी देने से आप पानी की बचत कर सकते हैं।
तो इस तरह बताए गए तरीकों को अगर आप इस्तेमाल करते हैं तो आप ज्यादा से ज्यादा पानी की बचत कर सकते हैं। जो हमने यह तरीके बताए हैं आप इन तरीकों का जरूर से इस्तेमाल करें और ज्यादा से ज्यादा पानी की बचत करें, क्योंकि पानी ही हमारे लिए जीवन है और पानी की आवश्यकता हमारे जीवन में बहुत है।
पानी बचाओ “कविता”।
सदा हमें समझाए नानी,
नहीं व्यर्थ बहाओ पानी ।
हुआ समाप्त अगर धरा से,
मिट जायेगी ये ज़िंदगानी।
नहीं उगेगा दाना-दुनका,
हो जायेंगे खेत वीरान।
उपजाऊ जो लगती धरती,
बन जायेगी रेगिस्तान।
हरी-भरी जहाँ होती धरती,
वहीं आते बादल उपकारी।
खूब गरजते, खूब चमकते,
और करते वर्षा भारी।
हरा-भरा रखो इस जग को,
वृक्ष तुम खूब लगाओ।
पानी है अनमोल रत्न,
तुम एक-एक बूँद बचाओ।
अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई तो आप इस आर्टिकल को अपने सभी दोस्तों तक जरूर शेयर करें, क्योंकि पानी बचाना हमारा कर्तव्य है और हम सबको मिलकर पानी बचाना चाहिए, क्योंकि पानी हमारे जीवन के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। धन्यवाद दोस्तों आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए।